Kitabwale

बिरसा मुंडा (जनजातीय गौरव )

ISBN 13: 9789390702701

Author: आलोक कुमार चक्रवाल

Year: 2022

Model: Kitab Wale

Price: 2100.00

संपादक महोदय का संक्षिप्त परिचय

प्रो. आलोक कुमार चक्रवाल (जन्म 20 सितम्बर,1969) वर्तमान में कुलपति, गुरु घासीदास विश्वविद्यालय (केन्द्रीय विश्वविद्यालय), बिलासपुर, छत्तीसगढ है । इससे पूर्व आप सौराष्ट्र विश्वविद्यालय, गुजरात में वाणिज्य विभाग में प्रोफेसर के रूप में अपनी सेवाएँ दे चुके है । आप सौराष्ट्र विश्वविद्यालय में समन्वयक, आतंरिक गुणवत्ता आश्वासन प्रकोष्ठ और परीक्षा नियंत्रक के रूप में भी अपनी सेवाएँ दे चुकें है । आप उच्च शिक्षा के क्षेत्र में 30 वर्षो से अपनी सेवाएँ दे रहे हैं । आप ऑक्सफ़ोर्ड बिजिनेस स्कूल के पुराछात्र रहे है , साथ ही साथ आपने अमेरिका , इंग्लैंड , चीन ,थाईलैंड और नेपाल की अकादमिक यात्रायें भी की हैं । वाणिज्य विषय में विशेषज्ञता के साथ-साथ आपकी साहित्य एवं इतिहास में गहरी रूचि रही हैं । प्रस्तुत कृति आपकी इसी रूचि का परिणाम हैं ।

पुस्तक के विषय में

बिरसा मुंडा के आर्विभाव को लगभग डेढ़ सदी एवं उनके तिरोभाव को प्राय: एक सदी हो गई हैं । कृतज्ञ राष्ट्र अपने इस स्वतंत्रता नायक को श्रद्धांजलि अर्पित करता रहा है । प्रस्तुत पुस्तक भी उनकी पुनीत स्मृति में श्रद्धा का एक पुष्प हैं । उन्होंने अपने जीवन, कार्यो एवं वाणी द्वारा जनजातियों को ऐसे समय में आत्मविश्वास दिया जब वह निराशा के समुद्र में डुबें हुएँ थे। बिरसा मुंडा अप्रतिम जन संचारक एवं असाधारण लोकनायक थे, जो भारतीय स्व-जागरण तथा प्रतिरोध के पर्याय रहे हैं तथा जनजातियों का चतुर्मुखी उत्थान चाहते थे और उनके कार्यो में राष्ट्रीय नवनिर्माण के सभी सूत्र मिल जाते है ।

प्रस्तुत पुस्तक कुल 30 अध्यायों में विभाजित है । इसमें विषय-विशेषज्ञों द्वारा बिरसा मुंडा के रूप में एक प्रखर राष्ट्रीय नायक के जीवन दर्शन, सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक तथा धार्मिक चिंतन का व्यापक अध्ययन करते हुए भारतीय इतिहास में बिरसा मुंडा के प्रतिरोध को यथासंभव रेखांकित करने का प्रयत्न किया गया है ।